बृजभूषण का दबदबा हो गया धुआँ धुआँ, केंद्र खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को किया निलंबन।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था के निलंबन से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के समर्थकों में निराशा है। नई टीम की जीत के बाद अब उनके इलाके में लगे वर्चस्व वाले पोस्टर और होर्डिंग हटा दिए गए हैं. इन पोस्टरों पर लिखा था कि दबदबा है, दबदबा रहेगा, ये भगवान ने दिया है. बृजभूषण शरण सिंह के बेटे ने ही दबंगई के साथ लहराये थे पोस्टर।



 बेटे की ये तस्वीर भी खूब वायरल हुई. वर्चस्व का दावा कर जश्न मना रहे बृजभूषण के समर्थकों की आवाज खेल मंत्रालय का डंडा पड़ते ही कमजोर हो गई। अध्यक्ष पद पर उनके करीबी संजय सिंह की जीत के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह को माला पहनायी गयी. इसके बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी थी.



गौरतलब है कि रविवार को ही खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया है और भारतीय ओलंपिक संघ को व्यवस्था चलाने के लिए नई संस्था बनाने का निर्देश दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद जगह-जगह लगे दबदबे के पोस्टर और होर्डिंग्स हटाए जाने लगे. चार पहिया वाहनों से भी 'दबदबा' स्टिकर हटा दिए गए हैं


भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को दिल्ली में कहा था कि उन्होंने खेल से संन्यास ले लिया है क्योंकि उन पर अगले साल लोकसभा चुनाव सहित कई अन्य जिम्मेदारियां हैं।

 बृज भूषण ने यह टिप्पणी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद की. इससे पहले खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित संस्था को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था. सिंह के करीबी लोगों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ पर कब्ज़ा करने के बाद कुछ प्रमुख पहलवानों द्वारा अपना विरोध फिर से शुरू करने के बाद पैदा हुए संकट को कम करने के लिए नड्डा ने सिंह को एक बैठक के लिए बुलाया था।


 डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने भारी अंतर से जीत हासिल की थी. संजय सिंह 'बबलू' के सांसद चुने जाने के बाद सांसद खेमे में खुशी का माहौल है.


गोंडा सदर सीट से सांसद बृज भूषण शरण सिंह और उनके बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह ने खुद अपने समर्थकों के सामने 'दबदबा तो था, है और रहेगा' का नारा लगाया था। इतना ही नहीं इलाके में गाड़ियों समेत कई जगहों पर दबदबा को लेकर बैनर-पोस्टर भी लगाए गए.


अध्यक्ष बनने के बाद संजय सिंह बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के साथ दो दिन पहले अयोध्या पहुंचे थे और हनुमान गढ़ी में माथा टेककर आशीर्वाद लिया था. साधु-संतों और समर्थकों की मौजूदगी में अपने संबोधन के दौरान बृजभूषण ने जोश में कहा था, "वर्चस्व है, प्रभुता है, प्रभु ने दिया है। बजरंग बली की जय।"



ब्रजभूषण छह बार के सांसद हैं और उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह गोंडा सदर से लगातार दूसरी बार भाजपा विधायक हैं। स्थानीय लोग इस मुद्दे पर बोलने में संयम बरत रहे हैं, लेकिन सिंह के समर्थक निराश दिखे। सिंह के इस दावे के बाद कि वह कुश्ती को अलविदा कह रहे हैं, पहलवान गोंडा और पड़ोसी अयोध्या के अखाड़ों में दैनिक अभ्यास से दूर रहे।



डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित संस्था के निलंबन का बचाव करते हुए उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने रविवार को बाराबंकी में कहा था कि केंद्रीय खेल मंत्रालय की कार्रवाई किसी के दबाव के कारण नहीं थी और उसने उचित प्रक्रिया का पालन किया।



गोंडा जिला भाजपा अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप ने खेल मंत्रालय के फैसले को 'अच्छी सोच वाला' बताया, जिसका हर किसी को सम्मान करना चाहिए। गोंडा के जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा ने भी खेल मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है। गोंडा के समाजवादी पार्टी के नेता सूरज सिंह ने कहा कि सरकार का फैसला 'किसी व्यक्ति की हार नहीं बल्कि अहंकार' की हार है।






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